एक दिन एक कौवे के बच्चे ने कौवे से कहाकि हमने लगभग हर चार पैर वालेजीव का माँस खाया है,
मगर आजतक दो पैर पर चलने वालेजीव का माँस नहीं खाया है..,
पापा कैसा होता है इंसानों का माँस?कौवे ने कहा मैंने जीवन में तीन बारखाया है,
बहुत स्वादिष्ट होता है..,कौवे के बच्चे ने कहा मुझे भी खाना है..कौवे ने थोड़ी देर सोचने के बाद कहाचलो खिला देता हूँ..
बस मैं जैसा कह रहा हूँवैसे ही करना मैंने ये तरीका अपने पुरखोंसे सीखा है..,
कौवे ने अपने बेटे को एक जगहरुकने को कहा और थोड़ी देर बाद माँसके दो टुकड़े उठा लाया..कौवे के बच्चे ने खाया तोकहा कीये तो सूअर के माँस जैसा लग रहा है..कौवे ने कहा अरे ये खाने केलिए नहीं है..इस से ढेर सारा माँस बनाया जा सकता है..
जैसे दही जमाने के लिए थोड़ा सा दहीदूध में डाल कर छोड़ दिया जाता है,
वैसे ही इसे छोड़ कर आना है..
बस देखना कल तक कितना स्वादिष्टमाँस मिलेगा,वो भी मनुष्य का,बच्चे को बात समझ में नहीं आईमगर वो कौवे का जादू देखने के लिएउत्सुक था..,
कौवे ने उन दो माँस के टुकड़ों में सेएक टुकड़ा एक मंदिर मेंऔर दूसरापास की एक मस्जिद में टपका दिया..तब तक शाम हो चली थी,,
कौवे ने कहा अब कल सुबह तक हम सभी कोढेर सारा दो पैर वाले जानवरोँ कामाँस मिलने वाला है..,
सुबह सवेरे कौवे और बच्चेने देखा तोसचमुच गली-गली में मनुष्यों कीकटी और जली लाशें बिखरी पड़ीं थीं..
हर तफ़र सन्नाटा था..पुलिस सड़कों पर घूम रही थी..कर्फ्यू लगा हुआ था..
आज कौवे के बच्चे ने कौवे से दो पैर वालेजानवर का शिकार करना सीख लिया था..,
कौवे के बच्चे ने पूछा अगर दो पैर वाला मनुष्यहमारी चालाकी समझ गया तो ये तरीकाबेकार हो जायेगा..कौवे ने कहा सदियाँ गुज़र गईं मगरआज तक दो पैर वाला जानवरहमारे इस जाल में फंसता ही आया है..
सूअर या बैल के माँस का एक टुकड़ा,हजारों दो पैर वाले जानवरों कोपागल कर देता है,वो एक दूसरे को मारने लग जाते हैं
और हम आराम से उन्हें खाते हैं..
मुझे नहीं लगता कभी उसे इतनी अक़लआने वाली है..,
कौवे के बेटे ने कहा क्या कभी किसी नेइन्हें समझाने की कोशिश नहीं की..,कौवे ने कहा एक बार एक ने इन्हेंसमझाने की कोशिश की थी,मनुष्यों ने उसे dharam ka dushmanकह के मार दिया............यहाँ सवाल ये उठता है की कौआ कौन ?????
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